Monday, 21 April 2014

अब निभाएँ धर्म अपना

अब निभाएँ धर्म अपना, 
माँ को बचाएँ अब हमीं
कर हरित क्रांति से हम, 
सब सजाएँ अपनी जमीं

इस धरा को हम सम्भालें, 
ये ना खो जाये कहीं
रक्षा करना कर्म अपना, 
क्यूंकि रहते हम यहीं
--अभिषेक कुमार ''अभी''


Ab nibhayen dhrm apna, 
maa ko bachayen ab hmin
Kar harit kraanti se ham, 
sab sajaayen apnee jamin.

Is dhra ko ham sambhalen, 
ye naa kho jaye kahin.
Raksha karna karm apna, 
kyunki rahte ham yahin.
--Abhishek Kumar ''Abhi''

2 comments:

  1. पृथ्वी दिवस पर सार्थक सन्देश देती रचना...

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