एक सपना जो पिछले कई वर्षों से मन में पल रहा था, वो अब जाके अपने सफ़ल होने के कगार पर है।
जी हाँ !
मेरे सभी स्नेही मित्रों, शुभचिंतकों और गुरुजनों, ''पुस्तकाभारती प्रकाशन'' के नाम से प्रकाशन के क्षेत्र में क़दम रख रहा हूँ।
''पुस्तकाभारती प्रकाशन'' का पंजीकरण प्रमाण पत्र आज ही मेरे हाथ में आया है।
जहाँ तक प्रकाशित पुस्तकों की सूची है, तो वो पहले चरण में ''10 पाण्डुलिपियों'' का चयन पहले ही हो चूका है, जिसमें
१ व्यंग्य कथा संग्रह (एक)
२ हास्य कथा संग्रह (एक)
३ ग़ज़ल संग्रह (एक)
४ हिंदी ग़ज़ल संग्रह (एक)
५ उपन्यास संग्रह (एक)
६ काव्य संग्रह (दो)
७ साझा काव्य संग्रह (एक)
८ अंग्रेजी नॉवेल (दो)
लेख़क और लेखिकाओं का नाम बहुत जल्द पुस्तक के कवर पेज़ के साथ आपके सामने होगा।
इस कार्य को सफल बनाने में बहुत से गण-मान्य जनों का साथ मिला है, और और आगे भी देने का आश्वासन दिया है, उसके लिए मैं इन सभी का हार्दिक आभारी हूँ।
और अभी तो बस मैं यही कह पा रहा हूँ कि
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मैं अकेला ही चला था जानिबे मंज़िल मगर
आप सब मिलते गए और कारवाँ बनता गया
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साथ ही आप सभी मित्रों ने जो आज ४ साल से साथ निभाया है, हौसला बढ़ाया है
उसके लिए भी आप सभी का हार्दिक धन्यवाद। इसी तरह आगे भी आप सब अपना स्नेह और आशीष इस प्रकाशन को भी देंगे ऐसा मैं आशा करता हूँ।
लक्ष्य :
एक ऐसा प्रकाशन बनाना जो की साहित्यिक जगत में चल रहे राजनीति से दूर रहकर साहित्य को जन-जन तक पहुँचाये साथ ही छोटे-बड़े सभी की अभिव्यक्ति को सराहते हुए, उन्होंने आगे बढ़ाए।
जय माँ शारदे
-अभिषेक कुमार ''अभी''
(+91-9953678024)
बहुत ही ख़ुशी हुई , अभिषेक भाई बधाई व धन्यवाद !
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति , आप की ये रचना चर्चामंच के लिए चुनी गई है , सोमवार दिनांक - 18 . 8 . 2014 को आपकी रचना का लिंक चर्चामंच पर होगा , कृपया पधारें धन्यवाद !
सुन्दर प्रस्तुति उपयोगी रचना
ReplyDeleteशुभकामनाएँ !
ReplyDeleteशुभकामनाएँ !
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